मंगलवार, 14 जनवरी 2025

चंद्रभागा (चेनाब) नदी पर पुल

चंद्रभागा (चेनाब) नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल बनकर तैयार है! हम नित प्रति नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। तेज गति की रेलगाड़ी अब इसपर चला करेंगी।

चंद्रभागा पर बना पुल वीडियो।

आइए चंद्रभागा के संबंध में कुछ रोचक जानते हैं।


चन्द्रभागा नदी हिमाचल प्रदेश में लाहौल और स्पीति जिले में सूरज ताल और चन्द्र ताल से निकलती है। इसे चेनाब या चिनाब कहने लगे हैं और अब यही नाम मिलता है। ऋग्वेद में इस नदी का नाम अस्किनी है। यह शतद्रु (सतलुज) की सहायक नदी है जो आगे जाकर सिंधु में समाहित होती है।

चन्द्र भागा
चंद्रभागा नदी


चंद्रभागा (चेनाब) त्रिमु में इरावती (रावी) और वितस्ता (झेलम) नदी से मिलती है और आगे बढ़कर उचशरीफ के पास शतद्रु (सतलज) में मिल जाती है। पञ्चनद (पंजाब) क्षेत्र की अन्य नदी विपासा (ब्यास) फिरोजपुर के पास शतद्रु नदी में मिलती है। यह शतद्रु मिथनकोट में सिंधु में समाहित हो जाती है।

सूरजताल, जहां से भागा नदी निकलती है, लेह जाने वाली सड़क पर स्थित बारा लाचा ला नामक दर्रे के पास स्थित है। स्पीति घाटी में स्थित चन्द्रताल के पास ही चन्द्रा नदी का उद्गम स्थान है। टांडी नामक स्थान पर भागा और चंद्रा संगम करती हैं।

ईसा से लगभग तीन सौ साल पहले इस चंद्रभागा और वितस्ता (झेलम) के बीच के क्षेत्र में राजा पोरस का राज्य था। वह पोरस जिसका संघर्ष सिकंदर के साथ हुआ। 

चंद्रभागा पर बना पुल


पंजाबी के साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध कवि सुरजीत पातर बताते हैं - "पंजाब की कविता और साहित्य में चिनाब का उल्लेख सबसे ज़्यादा है। हीर-रांझा के दुखद रोमांस या किस्सा में, नायक रांझा चिनाब नदी को पार करके अपने पैतृक गांव तख्त हजारा से झंग शहर पहुंचता है। नदी के किनारे ही उसकी पहली मुलाकात हीर से होती है। वे नदी के किनारे जंगल में मिलते हैं।

सुरजीत पातर
सुरजीत पातर (चित्र - down to earth से)


सोहनी-महिवाल के एक अन्य लोकप्रिय किस्सा में नायिका सोहनी महिवाल से मिलने के लिए चिनाब नदी के पानी में मिट्टी का घड़ा तैराती है। अंत में, एक ईर्ष्यालु रिश्तेदार उसके घड़े की जगह एक नया बना घड़ा रख देता है, जो टूट जाता है और सोहनी डूब जाती है। महिवाल उसे बचाने के लिए तैरता है। लेकिन वह भी उफनते पानी में डूब जाता है।"

(डाउन टू अर्थ में)

देवेंद्र सत्यार्थी ने लिखा है - नहीं रीसां चिनाब दियां, भरेंव सुक्की वाघे। चेनाब अद्वितीय है, भले सूख जाए। बहुत सारे कवियों/साहित्यकारों ने इस नदी को बहुत प्यार से याद किया है। अमृता प्रीतम ने विभाजन के दृश्य को याद करते हुए लिखा है - "अज्ज बेले लशां बिछियां, ते लहू दी भरी चिनाब। वह लिखती हैं कि प्रेमियों की नदी आज लाशों और खून से भरी हुई है। प्रख्यात पंजाबी कवि प्रोफेसर मोहन सिंह ने एक कविता में कहा था कि उनकी अस्थियों को गंगा के बजाय चिनाब में प्रवाहित किया जाए, क्योंकि यह 'प्रेम की नदी' है।

चेनाब प्रेम की नदी है। हीर रांझा और सोहनी महिवाल की नदी है। इसमें बहने वाला जल प्रेमियों की आँख का जल है। मोहन सिंह ने एक कविता में लिखा कि गंगा नदी देवताओं को बनाती है, यमुना देवियों को जबकि चेनाब प्रेमियों का निर्माण करती है।


मैंने कहीं पढ़ा था कि चेनाब, चेन+आब से बना है जहां चेन का अर्थ चंद्रमा है, आब का जल। इस तरह चेनाब का अर्थ चंद्रमा का जल है। शीतल और प्रिय।

यह नाम चंद्रभागा से ही निष्पन्न समझना चाहिए। चंद्रमा का भाग, हिस्सा समझने पर भी यही अर्थ आयेगा। इस्लामिक संस्कृति के प्रभाव में इस नदी का नाम बदल गया। कवियों/कलाकारों ने इस नदी में सांस्कृतिक भाव भर दिए। चेनाब नाम चल गया। प्रेम की चर्चा होती है तो हीर रांझा याद आ जाते हैं। चेनाब नाम याद आ जाता है। जबकि यह चंद्रभागा है।

मैं हमेशा कहता हूं कि एक संघर्ष हर तरफ चल रहा है। कई मोर्चे पर जारी है। सभ्यता संघर्ष। इस संघर्ष में विरासत पर अधिकार करने की कोशिशें बदस्तूर जारी हैं। झेलम वितस्ता का बदला नाम है। सतलुज का नाम शतद्रु था। व्यास विपासा थी। रावी इरावती का परिवर्तित नाम है।

आज नदियों के नाम बदले हैं। पर्वत शिखरों के नाम बदले जा रहे हैं! नया चलन पहले फैशन और साझा विरासत के नाम पर चल रहा है और बाद में एक कागज लेकर कोई आ जाता है कि महाकुंभ क्षेत्र का इतना अंश हमारा है, जिसपर मेला लग रहा है।

अपने प्राचीन नाम को याद रखें। उन्हें प्रयोग में ले आएं। आज बिन्त नाम पढ़ते समय याद आया कि बिन्नी/बिनती/बंटी आदि नाम हमने उसी के प्रभाव में स्वीकार कर लिए हैं। हमने बहुत अंगीकृत किया है। इतना अधिक कि हम हम नहीं रह गए हैं, वह हो जाने के कगार पर हैं!

मुझे वह नहीं होना है! पुल हमें जोड़ें। अधिग्रहित न कर लें।
इति।

कोई टिप्पणी नहीं:

सद्य: आलोकित!

चंद्रभागा (चेनाब) नदी पर पुल

चंद्रभागा (चेनाब) नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल बनकर तैयार है! हम नित प्रति नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। तेज गति की रेलगाड़ी अब इसपर चला करे...

आपने जब देखा, तब की संख्या.