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रविवार, 11 फ़रवरी 2024

शिविका : मानस शब्द संस्कृति

शिविका : मानस शब्द संस्कृति 

 

सिबिका सुभग न जाहिं बखानी।
चढ़ि चढ़ि चलत भईं सब रानी॥

सुकुमार, अक्षम, रोगी, वयोवृद्ध और दूल्हा-दुल्हन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए कुटियानुमा बनाई गई पालकी #शिविका कही जाती है। इसमें आगे और पीछे एक बांस नुमा लकड़ी निकली रहती है जिसे कंधे पर रखकर कहार ले जाते हैं।
#मानस_शब्द #संस्कृति

सद्य: आलोकित!

श्री हनुमान चालीसा शृंखला : पहला दोहा

श्री गुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जस, जो दायक फल चारि।।  श्री हनुमान चालीसा शृंखला परिचय- #श्रीहनुमानचालीसा में ...

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