कथा-वार्ता की नवीनतम प्रस्तुति- शेखर जोशी की कहानी- गलता लोहा।
शेखर जोशी (जन्म- १९३२ ई०, अल्मोड़ा) नयी कहानी के प्रमुख लेखक हैं। उनकी कहानियों के संग्रह हैं- ‘कोसी का घटवार’, ‘साथ के लोग’, ‘हलवाहा’, ‘नौरंगी बीमार है,’ ‘मेरा पहाड़’, ‘डागरी वाले’, ‘दस बच्चे का सपना’, ‘आदमी का डर’, ‘शब्दचित्र’। ‘एक पेड़ की याद’ और ‘स्मृति में रहें वे’ उनके संस्मरण हैं। ‘न रोको उन्हें शुभा’ शीर्षक से उनकी कविताओं का एक संग्रह २०१२ ई० में प्रकाशित हुआ है। शेखर जोशी को महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार, साहित्य भूषण और पहल सम्मान मिल चुका है।
शेखर जोशी नयी कहानी के प्रमुख हस्ताक्षर हैं।
उनकी कहानियों में मजदूर जीवन और पहाड़ का परिवेश बहुत बहुत अनूठे तरीके से
अभिव्यक्त हुआ है। गलता लोहा, वास्तव
में एक राजनीतिक चेतना सम्पन्न कहानी है, जिसमें आफ़र पर
लोहा नहीं गल रहा, वर्ण व्यवस्था की कठोरता पिघल रही है
और नया आकार ले रही है। यह कहानी शिक्षा और समाज व्यवस्था का बहुत मार्मिक चित्र
भी हमारे सामने प्रस्तुत करती है।
आगामी वीडियो में हम इस कहानी का आलोचनात्मक
पाठ प्रस्तुत करेंगे। अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी तो टिप्पणी करें और अपने प्रश्न
तथा सुझाव से अवगत कराएं।
वाचन स्वर है- डॉ रमाकान्त राय का।