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गुरुवार, 8 फ़रवरी 2024

कहानी : मानस शब्द संस्कृति

मानस शब्द संस्कृति: कहानी


कहहिं पुरातन कथा कहानी।
सुनहिं लखन सिय अति सुखु मानी।।

चित्रकूट में निवास करते हुए श्रीरामचंद्र जी वही करते और कहते हैं जो सीता और लक्ष्मण को सुख देने वाले हों। वह प्राचीन कथा और #कहानियां सुनाते हैं। आज जिसे #कहानी (Short story) कहते हैं, उसे पश्चिम से आयातित विधा माना जाता है।
कहानी में सबसे प्रमुख तत्त्व है "कहन"। यह कहने और सुनने के लिए थी। इसलिए भारत में इसकी लिखित परंपरा कम मिलती है। जब यूरोप की शॉर्ट स्टोरी अस्तित्व में आई तो उसकी देखा देखी #कहानी विधा का आरंभ हुआ। किशोरीलाल गोस्वामी की कहानी इंदुमती हिंदी की पहली कहानी मानी जाती है।

श्रीराम वनवास काल में "बड़ा" होने का दायित्व बहुत अच्छी तरह निभा रहे हैं। राजघराने के अभ्यस्त लक्ष्मण और सीता को नई परिस्थिति में जो रुचिकर लगे, सुख मिले, वह सब उपक्रम वह करते हैं। वह कथाएं सुनाते हैं। यह सब चरित्र को उज्ज्वल बनाने वाले वृत्त हैं। राम इसी नाते आदर्श हैं।

#मानस_शब्द #संस्कृति

शनिवार, 20 जनवरी 2024

ठकुरसुहाती: मानस शब्द संस्कृति

हमहुं कहबि अब ठकुरसोहाती। 
नाहिं त मौन रहब दिनु राती।। 

अपने स्वामी/ठाकुर को प्रिय लगने वाली बातें करना #ठकुरसुहाती है। सभा में ऐसे लोग विशेष कृपा पात्र होते हैं जो यह कर पाते हैं। इसे मुंहदेखी बातें करना भी कहते हैं। जैसा मुंह/मूड, वैसी बात। चापलूसी, झूठी प्रशंसा इसके लक्षण हैं।

#मानस_शब्द_संस्कृति #संस्कृति

सद्य: आलोकित!

आर्तिहर : मानस शब्द संस्कृति

करहिं आरती आरतिहर कें। रघुकुल कमल बिपिन दिनकर कें।। आर्तिहर : मानस शब्द संस्कृति  जब भगवान श्रीराम अयोध्या जी लौटे तो सबसे प्रेमपूर्वक मिल...

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