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सोमवार, 15 अप्रैल 2024

श्री : मानस शब्द संस्कृति

चलत बिमान कोलाहल होई।
जय रघुवीर कहई सब कोई।।
सिंहासन अति उच्च मनोहर।
श्री समेत प्रभु बैठे ता पर।।

श्री : मानस शब्द संस्कृति 


लंका से अयोध्या जी लौटने के लिए भगवान राम #श्री के साथ पुष्पक विमान में बैठे। जब भगवान राम, सीता के साथ हैं, तो #श्रीराम हैं। जब उद्घोष में जय श्री राम कहा जाता है तो यह सीता और राम का संयुक्त जयघोष होता है। यह आक्रामक नहीं है।

बीते दिनों में खटरागियों ने #जयश्रीराम और #जयसियाराम का लफड़ा खड़ा कर दिया था कि पहला आक्रामक है और हिंदू धर्म की भावना के अनुरूप नहीं है। वह वस्तुत: लोगों के मनोमष्तिष्क में एक अविश्वास, शक, संदेह और अश्रद्धा का भाव भर देना चाहते हैं। उनकी इच्छा है कि जयघोष निर्द्वंद्व होकर न हो। वस्तुत: ऐसे लोग हिंदू धर्म और संस्कृति के ध्वंसक लोग हैं।
जय श्री राम!🚩

#मानस_शब्द #संस्कृति


सद्य: आलोकित!

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