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गुरुवार, 22 फ़रवरी 2024

लक्ष्मण रेखा: मानस शब्द संस्कृति

लक्ष्मण रेखा : मानस शब्द संस्कृति 


बचन जब सीता बोला।

हरि प्रेरित लछमन मन डोला।।

बन दिसि देव सौंपि सब काहू।

चले जहां रावन ससि राहू।।

स्वर्णमृग के आर्तस्वर को सुनकर सीता जी ने लक्ष्मण को मर्म वचन कहे। लक्ष्मण सीता को "वन और दिशाओं को सौंपकर" श्रीराम की सुधि लेने गए।
यहां लोक में #लक्ष्मणरेखा की चर्चा मिलती है। वह रेखा जिसे लक्ष्मण खींच गए थे और कहा था कि इसे पार नहीं करना है। जिसे रावण पार नहीं कर सकता था।#श्रीरामचरितमानस में यह युक्ति अथवा पद नहीं है।

#मानस_शब्द #संस्कृति

सद्य: आलोकित!

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