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मंगलवार, 5 जुलाई 2022

चंडीदास और चार आम

ओड़िया कवि चंडीदास की कविता में राधा, कृष्ण के साथ रति के प्रगाढ़ क्षणों में भी व्याकुल रहती हैं कि यह मिलन चरम पर होगा और फिर विरह ही शेष रहेगा।

आम के साथ भी ऐसी ही भावना साथ चल रही है। #चार_आम के साथ संसर्ग हो रहा होता है कि 'जल्दी ही आम के

कथावार्ता : सांस्कृतिक पाठ का गवाक्ष

दिन चले जायेंगे', भाव उमगता रहता है।

सद्य: आलोकित!

आर्तिहर : मानस शब्द संस्कृति

करहिं आरती आरतिहर कें। रघुकुल कमल बिपिन दिनकर कें।। आर्तिहर : मानस शब्द संस्कृति  जब भगवान श्रीराम अयोध्या जी लौटे तो सबसे प्रेमपूर्वक मिल...

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