जन्माष्टमी पर विशेष लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
जन्माष्टमी पर विशेष लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 27 अगस्त 2024

जन्माष्टमी पर विशेष


 श्रीकृष्ण के जीवन में सबसे मधुर पक्ष उनका बचपन वाला है। अगर बचपन की कलाओं को, जिसमें चमत्कारी रूप अधिक दिखता है; अलगा दें तो उत्तरजीवन में कृष्ण बहुत बड़े कूटनीतिज्ञ समझ में आते हैं। महाभारत में वह सर्वोत्कृष्ट हैं। अर्जुन उनके स्वाभाविक मित्र हैं।


भारतीय मन जहाँ श्रीकृष्ण की बाललीला में रूचि लेता है, वहीं मित्रता के लिए सुदामा का द्वितीय पक्ष चुन लेता है। मुझे कृष्ण के साथ अर्जुन की मित्रता बहुत घनिष्ठ समझ में आती है। कृष्ण अपनी बहन सुभद्रा का विवाह भी उसके साथ करवाना सुनिश्चित करते हैं। हर कठिन क्षण में संबल बनते हैं! जीवन जितना जटिल है, उसमें श्रीकृष्ण जैसा मित्र होना ही दिग्विजयी बना देता है।


महाभारत में वह बिना युद्ध किए ही केन्द्र में हैं। अजातशत्रु हैं। कौरव पक्ष का कोई योद्धा कृष्ण का हन्ता बनने की नहीं सोचता। राजसूय यज्ञ में वह शिशुपाल का शिरोच्छेद कर अपनी क्षमता का परिचय दे चुके थे। सभा में किसी की हिम्मत न हुई थी कि उनके इस संहार पर प्रश्न खड़ा करे। इसीलिए जब वह दूत बनकर हस्तिनापुर जाते हैं तो कहने के सहज अधिकारी बन जाते हैं-

याचना नहीं, अब रण होगा,

जीवन-जय या कि मरण होगा।


जन्माष्टमी पर सबको श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!

सद्य: आलोकित!

हीरा डोम की कविता अछूत

हीरा डोम की लिखी हुई कविता अछूत की शिकायत, जो सितम्बर 1914 में ‘सरस्वती’ पत्रिका में प्रकाशित हुई, इस भोजपुरी कविता को हिंदी दलित-साहित्य की...

आपने जब देखा, तब की संख्या.