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गुरुवार, 4 अप्रैल 2024

गूलर फल : मानस शब्द संस्कृति

 

मानस शब्द संस्कृति 

गुलरि फल समान तव लंका।
बसहु मध्य तुम जंतु असंका।।

श्रीरामदूत अंगद और रावण में संवाद बहुत आक्रामक है। श्रीराम के मनुष्य कहने से क्रोधित अंगद रावण की धज्जियां उड़ा दे रहे हैं। कहते हैं कि तुम्हारी लंका #गूलर के फल की तरह है। गूलर के फल में कीड़े भरे रहते हैं। ऊपर से चिक्कन। सुंदर उपमा।

गूलर के फूल को लेकर बहुत से लोक विश्वास प्रचलित हैं। यह भी कि किसी को मिल जाए तो वह धन धान्य से परिपूर्ण हो जाता है। लेकिन गूलर के फल के विषय में यह एक कटु सत्य है। यद्यपि उसका फल बहुत स्वादिष्ट होता है और अकाल के जमाने में ग्रामीणों का आहार होता था। गूलर और गोदा (बरगद और पाकड़ का फल) कठिन समय के आहार रहे हैं।

#मानस_शब्द #संस्कृति

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