रसूल हमजातोव लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
रसूल हमजातोव लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
गुरुवार, 22 नवंबर 2012
रसूल हमजातोव की एक खूबसूरत पंक्ति.
Labels:
डॉ रमाकान्त राय,
रसूल हमजातोव
गाज़ीपुर का हूँ। बंगाल में पला-बढ़ा। गंगा किनारे का वासी।
उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से। राही मासूम रज़ा पर डी.फिल.।
विभिन्न पुस्तकों और पत्र पत्रिकाओं में शोध पत्र और आलेख। एक पुस्तक "हिन्दू-मुस्लिम रिश्तों के बहाने राही के उपन्यास" लोकभारती प्रकाशन से। दूरदर्शन पर चार बार साक्षात्कार और आकाशवाणी से एक दर्जन से अधिक वार्ता प्रसारित। ललित निबंध में रुचि।
संप्रति- असिस्टेंट प्रोफेसर, हिन्दी, राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, इटावा, उत्तर प्रदेश।
मोबाइल- 9838952426
E-mail- royramakantrk@gmail.com
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
सद्य: आलोकित!
श्री हनुमान चालीसा: छठीं चौपाई
संकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन।। छठी चौपाई श्री हनुमान चालीसा में छठी चौपाई में हनुमान जी को भगवान शिव का स्वरूप (सुवन) कहा ग...