श्रीफल : मानस शब्द संस्कृति |
श्रीफल कनक कदलि हरषाहीं।
श्रीराम सीता वियोग में पेड़ों को हरा भरा देखकर दुखी हैं। इस क्रम में उनकी दृष्टि बिल्व फल पर पड़ती है। तुलसीदास ने इसे #श्रीफल कहा है। इस वृक्ष की तीन पत्तियां त्रिदेव की प्रतिनिधि हैं। पत्ते शिवजी को प्रिय हैं। पवित्र वृक्ष है।
मैंने महाराष्ट्र में नारियल को श्रीफल कहते सुना है। लेकिन मुझे सदैव से यह असंगत लगता है।
#मानस_शब्द #संस्कृति
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें