शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2024

वल्कल : मानस शब्द संस्कृति

 

वल्कल : मानस शब्द संस्कृति

बलकल बसन जटिल तनु स्यामा।

जनु मुनिबेष कीन्ह रति कामा।।


श्रीराम का वस्त्र उनका #वल्कल है, सिर पर जटा है और श्यामल देह (जैसा भरत ने देखा)। ऐसा प्रतीत होता है कि कामदेव और रति ने मुनिवेश धारण किया है।

त्वचा का दूसरा नाम वल्कल है। इसका अपभ्रंश है बोकला। छिलका।

श्रीराम वनवासी हैं तो उनकी त्वचा ही उनका वस्त्र हो गई है। यह स्वाभाविक ही है। सिर पर बरगद के दूध से जो केश बांधा था, वह जटा अब जटिल हो गई है। लट सुलझने योग्य नहीं। शरीर तो पहले ही कृष्ण वर्ण का था; कठिन जीवन व्यतीत करने पर यह और भी श्यामल हो गया है।

#मानस_शब्द #संस्कृति

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