शुक्रवार, 1 मार्च 2024

शास्त्र : मानस शब्द संस्कृति

 सास्त्र सुचिंतित पुनि पुनि देखिअ।


सास्त्र : मानस शब्द संस्कृति 

किसी विषय का वैज्ञानिक तरीके से संयोजित ज्ञान #शास्त्र है। यह जनहितकारी और विधिवत ज्ञान है। वेद, पुराण, स्मृति, रामायण आदि शास्त्र हैं।
तुलसीदास जी का कहना है कि इसे समय समय पर देखते रहना चाहिए। इस तरह यह नया होता रहता है। यह कितनी उपयोगी बात है। जिन ग्रंथों को शास्त्र का दर्जा मिल गया है, वह पढ़ते रहना चाहिए। हमेशा नए और अनुकूल व्याख्याएं मिलती हैं।


#मानस_शब्द #संस्कृति

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सद्य: आलोकित!

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