मुठिका एक महा कपि हनी।
रुधिर बमत धरनीं ढनमनी।।
लंका में रात्रि के समय सूक्ष्म रूप में हनुमान जी घुसे तो लंकिनी ने देख लिया। रोकने पर उन्होंने #मुष्टिका प्रहार किया। हाथ की उंगलियों को कस देने से बनता है। बल प्रयोगकर आघात करने से संहारक हो जाता है।
क्या आपने कभी इससे आघात किया है?
#मानस_शब्द #संस्कृति
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें