बुधवार, 13 मार्च 2024

लंकेश : मानस शब्द संस्कृति

 

लंकेश : मानस शब्द संस्कृति 

कहु लंकेस सहित परिवारा।
कुसल कुठाहर वास तुम्हारा।।
खल मंडली बसहु दिन राती।
सखा धरम निबहइ केहि भांती।।

लंका से निष्कासित होकर जब विभीषण श्रीराम के शरणागत हुए तो भक्तों का भय हरने वाले प्रभु ने उन्हें #लंकेश कहकर संबोधित किया। यह उपाधि यद्यपि रावण की है लेकिन श्रीराम ने विभीषण को लंका का राजा कहकर सहज ही अपना मंतव्य प्रकट कर दिया। परिवार का कुशल क्षेम जानने से पहले ही उन्होंने विभीषण को राजा घोषित कर दिया।
यह संकेतक है कि सामर्थ्यवान व्यक्ति सहज ही आगंतुक की इच्छा के अनुरूप अनुग्रह कर देता है। यही उचित मार्ग है।

#मानस_शब्द #संस्कृति

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सद्य: आलोकित!

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