कालराति निसिचर कुल केरी।
तेहि सीता पर प्रीति घनेरी।।
मां दुर्गा की उपासना की नवरात्रि में सातवीं रात #कालरात्रि की है। वह रात की नियंता देवी हैं। रंग काला है। वह त्रिनेत्रधारी, रौद्र रुप में हैं। शुभफल दायक हैं। राक्षस, असुर आदि की विनाशक हैं।
कालरात्रि : मानस शब्द संस्कृति |
विभीषण लंकेश को समझाते हुए कह रहे हैं कि सीताजी भी निशिचर कुल के लिए कालरात्रि ही हैं। ऐसी वैदेही पर आपका ऐसा प्रेम है। विभीषण कहना चाहते हैं कि यह वस्तुत: आत्मघाती है। इसलिए आप -
तात चरन गहि मांगउं राखहु मोर दुलार।
सीता देहु राम कहुँ अहित न होइ तुम्हार।।
#मानस_शब्द #संस्कृति
महादुर्गा की सप्तम रात्रि की देवी |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें