बालतोड़ |
दलकि उठेउ सुनि हृदय कठोरू।
जनि छुइ गयउ पाक बरतोरू।।
ऐसा फोड़ा जो रोमकूप के उखड़ जाने से हो जाए। इस फोड़े का सिरा बहुमुखी हो जाता है। इसमें कई खील होते हैं। यह बहुत कष्टदायक होता है। महाराजा दशरथ द्वारा राम को युवराज बनाने की बात पर कैकेई का हृदय #बालतोड़ छू जाने जैसा दलक गया।
#मानस_शब्द_संस्कृति #संस्कृति
2 टिप्पणियां:
वाह! क्या उपमा है !
तुलसीदास जी श्रेष्ठं हैं
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