शनिवार, 8 जून 2024

राजनीति और कूटनीति

 मुझे पता नहीं है कि मैं सही दिशा में सोच रहा हूं या नहीं। आप एकबार ध्यान से पढ़कर मुझे करेक्ट करिएगा।

यह ताजा छवि मीडिया में आई है। इसमें सुभासपा के अध्यक्ष और प्रदेश सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा के साथ बैठे हुए हैं।

ओमप्रकाश राजभर और दिनेश शर्मा 


वैसे तो यह मेल स्वाभाविक है लेकिन सोफा और स्टूल का जो विमर्श पिछले दिनों से स्पेस में है, उसे देखते हुए यह विशिष्ट है।

सबसे पहले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से यह स्टूल विमर्श चला था। अभी #लोकसभा_आमचुनाव_2024 के बाद इंडी गठबंधन के अखिलेश जी के मामले में भी सोफा और स्टूल प्रकरण उठा। ओमप्रकाश राजभर को कल nda की सभा में पीछे जगह मिली थी तो वह भी छवि भी विमर्श में आ गई।

इन छवियों से किसी एक की मानहानि की जाती है।

क्या डॉ दिनेश शर्मा के यहां सोफा नहीं है? ओमप्रकाश राजभर को इतना निकट बैठकर क्या विमर्श करना है? इसी क्षण की छवि क्यों उतारी जाती है? उसे मीडिया में प्रसारित किया जाता है! क्यों??


ध्यान से देखने पर पता चलता है कि यह भेदभाव और हीन दिखने वाली छवियां एक रणनीति/कूटनीति के अंतर्गत जारी की जाती हैं। जब ओमप्रकाश राजभर की राजनीति डूब रही है, उनकी छवि दरक रही है तो यह संजीवनी दिनेश शर्मा के यहां से अर्जित की गई है।

दुर्योग से इसे विरोधियों के पास भेजकर प्रसारित कराया जाता है ताकि इस पर खूब बहसा बहसी हो। सत्ता पक्ष के लोग किस प्रकार बचाव कर रहे हैं, उस ताप को महसूस किया जा सके। इस ताप से अहमियत का पता चलता है।

अपने लोगों को लामबंद करने में मदद मिलती है। सभी बड़े नेता इस कूटनीति का अंग होते हैं। कोई न कोई इसका अंग बन जाता है।


इसलिए मेरा मानना है कि इन कूटनीतिक चालों को समझना चाहिए और अपना दबदबा बनाए रखने वाले इको सिस्टम को उजागर करना चाहिए।


एक उद्देश्य यह लिखने का यह भी है कि हम समझ सकें कि यह सब कैसे काम करता है।


कि मैं झूठ बोल्या??


#राजनीति #PakvsUSA #NEDCAN #KathLinInCinemaPoland #omprakashrajbhar

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