चित्रकूट |
चित्रकूट गिरि करहु निवासू।
तंह तुम्हार सब भांति सुपासू।।
सैलु सुहावन कानन चारू।
करि केहरि मृग बिहग बिहारू।।
प्रयाग में श्रीराम ने #त्रिकालज्ञ महर्षि #भरद्वाज के दर्शन किए और पूछा कि कहां जाऊं तो विविध भांति से #चित्रकूट की महिमा का बखान कर कहा कि वह यहीं ठहरें। यह स्थान सब तरह से अच्छा कहा गया है, सुहावना पर्वत, सुंदर वन। विहार स्थल।
#मानस_शब्द #संस्कृति
आज चित्रकूट का परिक्षेत्र उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों में है। वह भगवान श्रीराम के जीवन में एक विशेष अध्याय का रोपण करने वाला स्थान है।