शनिवार, 11 अप्रैल 2020

कथावार्ता : फणीश्वर नाथ रेणु की पहली कहानी ‘वट बाबा’


          महान कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु के पुण्यतिथि 11 अप्रैल पर सुनिए उनकी पहली कहानी वट बाबा। वाचन स्वर है डॉ रमाकान्त राय का।




         फणीश्वर नाथ रेणु का जन्म 04 मार्च 1921 को पूर्णिया जनपद, बिहार के औराही-हिंगना ग्राम में हुआ था। उन्होने मैला आंचल, परती परिकथा, जुलूस आदि उपन्यास लिखे। उनकी कहानी तीसरी कसम उर्फ मारे गए गुलफाम पर बहुचर्चित फीचर फिल्म का निर्माण हुआ है। फणीश्वर नाथ रेणु ने कुल 63 कहानियाँ लिखी हैं। यह कहानी उनकी पहली कहानी मानी जाती है जो साप्ताहिक विश्वामित्र में अगस्त, 1944 में प्रकाशित हुई थी। 1942 के आंदोलन में उन्हें जेल हुई थी। जब वह 1944 में जेल से छूटे तो उन्होने यह पहली कहानी लिखी, जिसे भारत यायावर ने 'पहली परिपक्व कहानी' कहा है। उनकी दूसरी कहानी 'पहलवान की ढोलक' है।

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2 टिप्‍पणियां:

अनिल कुमार ने कहा…

सर यह कहानी हमे अपनी गांव की वास्तविकता सी लगती है ,लोगों को आज भी भरोसा है ऐसे ही मेरे गांव के वृक्ष पर |

Shatrughn Singh ने कहा…

आपको सुनना हमेशा बेहतर होता है, इस बार तो अपूर्व अनुभव! धन्यवाद भैया! इस कहानी के लिए।

सद्य: आलोकित!

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