तुम्हरो मंत्र विभीषण माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
एक दूत के रूप में #हनुमानजी जब लंका में गए तो उन्होंने हर घर का सर्वेक्षण किया। "मंदिर मंदिर प्रतिकर सोधा। देखे जंहतंह अगनित जोधा।।" इसी सर्वेक्षण में उन्हें विभीषण के घर का पता मिला। दांतों के बीच जैसे जीभ रहती हो। विप्र रूप धारण कर वह उनसे मिले।
हनुमान जी को जो आठ सिद्धियां प्राप्त हैं - अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशित्व, वशित्व। इसमें अणिमा, महिमा से रूप बदला जा सकता है। और प्रकाम्य से किसी के भी मन का भेद पाया जा सकता है। हनुमान जी ने इस सिद्धि की सहायता ली और लंका में एक ऐसा विश्वसनीय व्यक्ति खोजा, जो उनकी सहायता कर सकता था। वह विभीषण थे।
हनुमान चालीसा में आता है कि हनुमान जी का मंत्र विभीषण ने माना और लंकेश्वर हुए। बहुत कम लोगों को ज्ञात है कि विभीषण उन चरित्रों में हैं, जिसे अमर होने का वरदान प्राप्त है।
जय श्री हनुमान जी!🙏 #Hanuman #हनुमानजी
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