रविवार, 3 दिसंबर 2023

त्रय ताप : शब्द चर्चा

"जासु नाम त्रय ताप नसावन। सोई प्रभु प्रगट समुझु जियं रावन।।"


जिनका नाम ताप को नष्ट करने वाला है त्रिविध अर्थात दैहिक, दैविक और भौतिक ताप। इन्हें आध्यात्मिक, आधिदैविक तथा आधिभौतिक ताप कहते हैं। दैहिक शरीर का ताप है, भौतिक अज्ञानता का और दैविक ईश्वर प्रदत्त। श्रीराम का नाम इनको नष्ट कर देता है।

त्रय ताप



#संस्कृति #शब्द



त्रय ताप : मूल X पोस्ट

कोई टिप्पणी नहीं:

सद्य: आलोकित!

श्री हनुमान चालीसा: छठीं चौपाई

 संकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन।। छठी चौपाई श्री हनुमान चालीसा में छठी चौपाई में हनुमान जी को भगवान शिव का स्वरूप (सुवन) कहा ग...

आपने जब देखा, तब की संख्या.