मातु मोहि दीजे कछु चीन्हा। जैसें रघुनायक मोहि दीन्हा॥
चूड़ामनि उतारि तब दयऊ। हरष समेत पवनसुत लयऊ॥
चूड़ामणि |
श्रीराम जी की मुद्रिका के बदले में सीताजी ने एक चीन्हारी दी। सौभाग्य सूचक, परंपरा से प्राप्त। बताया जाता है कि इसमें घंटियां लगी होती हैं। जो #चूड़ामणि सीता ने हनुमान जी को दी, वह बहुत विशिष्ट थी। हमारी #संस्कृति में वसन और आभूषण की समृद्ध परम्परा है।
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