बुधवार, 23 अप्रैल 2025

Welcome Back! आपका पुनः स्वागत है कथावार्ता]!

    लगभग एक माह तक कथावार्ता का ब्लॉग google द्वारा बाधित रहने के बाद पुनः क्रियाशील हो गया है. आज गूगल ने पुनरीक्षण करने के उपरान्त इसे निर्दोष और मौलिक पाया है. मुझे आशंका थी कि कहीं विद्यापति और उसकी व्याख्या में प्रयुक्त चित्रों से तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन सूक्ष्म पर्यवेक्षण करके पाया कि यह काम परेशांत आचार के लड़कों का है. हमने जो ब्लॉग परेशांत आचार के विचारों की आलोचना करते हुए लिखा था, उसके जवाब में परेशांत के लड़कों ने इसे रिपोर्ट किया था जिसे google ने निर्दोष पाया. 
    मैं यह बताना चाहता हूँ कि नव्य वेदांती इस तरह सक्रिय हैं कि वह हमारी हर आवाज़ दबा देना चाहते हैं. यह निंदनीय और घृणास्पद है. इस तरह की वृत्ति की निंदा की जानी चाहिए.


 

Welcome Back!


    अब जबकि kathavarta ब्लॉग पुनः सक्रिय हो गया है, इसपर हम साहित्य संस्कृति और कलात्मक विषयों पर अपने लेख प्रकाशित करते रहेंगे. धन्यवाद.


1 टिप्पणी:

शिवम कुमार पाण्डेय ने कहा…

बड़े ही खतरनाक हैं सब ट्विटर से सीधा ब्लॉग तक पहुंच गए हैं

सद्य: आलोकित!

मौन निमंत्रण : सुमित्रानंदन पंत

स्तब्ध ज्योत्सना में जब संसार चकित रहता शिशु सा नादान , विश्व के पलकों पर सुकुमार विचरते हैं जब स्वप्न अजान ,             न जाने नक्षत्रों...

आपने जब देखा, तब की संख्या.