गुरुवार, 21 दिसंबर 2023

दूधनाथ सिंह की डायरी के एक पन्ने से -


कुछ लेखकों के बारे में-

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कबीर           प्रतिभाशाली

तुलसीदास     प्रतिभाशाली सचेत

भारतेंदु           प्रतिभाशाली अराजक

प्रसाद।           परिश्रमी

निराला           प्रतिभाशाली

पन्त               प्रतिभाशाली बेचैन

महादेवी           प्रतिभाशाली अवसादग्रस्त

यशपाल         कलमघिस्सु

अज्ञेय             अर्जित-अवकाश

बच्चन             कलमबाज

दिनकर।        शब्दाभिमानी

शमशेर          प्रतिभा रोमान

राम विलास शर्मा      प्रतिभा परिश्रम की पाल्थी

रामचंद्र शुक्ल      प्रतिभाशाली

प्रेमचंद               प्रतिभासम्पन्न

जैनेन्द्र               हठयोगी

रेणु                   प्रतिभाशाली

ज्ञानरंजन            प्रतिभाशाली उच्चछिन्न

रवीन्द्र कालिया    वाचाल

उदय प्रकाश       अंतर्राष्ट्रीय छि: छी:

मार्कण्डेय           कुछ नही

कमलेश्वर            भुस्स

राजेंद्र यादव।       मिहनती

मन्नू भंडारी           ईमानदार और मोहक

मोहन राकेश          प्रतिभासम्पन्न

धर्मवीर भारती      रियल रोमैंटिक

फैज                    प्रतिभाशाली

नागार्जुन              दोआब

त्रिलोचन               न कुछ का सबकुछ

नामवर सिंह               नायक

हजारी प्रसाद द्विवेदी     प्रतिभाशाली-उन्मुक्त

मुक्तिबोध               प्रतिभाशाली-राउंड टेबिल

मलयज                 धुंध

भैरव प्रसाद गुप्त     हठवादी

कृष्णा सोबती          मर्दवादी

ग़ालिब                प्रतिभाशाली-अनंत बार सबकुछ

मीर।                    सुहाना कवि

इक़बाल                इस्लामी कवि

शेक्सपियर           सब कुछ

ओसामू दज़ाई         आत्महत्यारा

टालस्टाय            सबकुछ

दास्तोवेस्की          आत्मा का घनत्व

गोर्की                     सोचता हुआ

रवीन्द्र नाथ ठाकुर        सब कुछ

मायकोवस्की            उत्तेजित

पास्तरनाक               प्रतिभाशाली

एवेतुशांको                ठठेरा

वोज्नेसेन्सकी             प्रतिभावान

मैथिलिशरण गुप्त       ठेठ हिंदी का ठाठ

रविवार, 3 दिसंबर 2023

त्रय ताप : शब्द चर्चा

"जासु नाम त्रय ताप नसावन। सोई प्रभु प्रगट समुझु जियं रावन।।"


जिनका नाम ताप को नष्ट करने वाला है त्रिविध अर्थात दैहिक, दैविक और भौतिक ताप। इन्हें आध्यात्मिक, आधिदैविक तथा आधिभौतिक ताप कहते हैं। दैहिक शरीर का ताप है, भौतिक अज्ञानता का और दैविक ईश्वर प्रदत्त। श्रीराम का नाम इनको नष्ट कर देता है।

त्रय ताप



#संस्कृति #शब्द



त्रय ताप : मूल X पोस्ट

शनिवार, 2 दिसंबर 2023

चूड़ामणि : शब्द चर्चा

मातु मोहि दीजे कछु चीन्हा। जैसें रघुनायक मोहि दीन्हा॥
चूड़ामनि उतारि तब दयऊ। हरष समेत पवनसुत लयऊ॥

चूड़ामणि

    श्रीराम जी की मुद्रिका के बदले में सीताजी ने एक चीन्हारी दी। सौभाग्य सूचक, परंपरा से प्राप्त। बताया जाता है कि इसमें घंटियां लगी होती हैं। जो #चूड़ामणि सीता ने हनुमान जी को दी, वह बहुत विशिष्ट थी। हमारी #संस्कृति में वसन और आभूषण की समृद्ध परम्परा है।



चूड़ामणि : मूल X पोस्ट



शुक्रवार, 1 दिसंबर 2023

अमोघ : शब्द चर्चा

 

जिमी अमोघ रघुपति कर बाना। 

एही भाँति चलेउ हनुमाना॥

रघुपति के बाण को #अमोघ कहा गया है। अमोघ का अर्थ है अचूक। अपने लक्ष्य का भेद करने वाला। विशेष बात यह है कि अमोघ अस्त्र लक्ष्य के स्थान बदल लेने पर भी वेधने में सक्षम है। भारतीय परंपरा में ऐसे संधानकर्ता रहे हैं। सूर्यवंशी अमोघ साधक हैं।

#संस्कृति

अमोघ : मूल X पोस्ट

 

निमिष : शब्द चर्चा

 

            जारा नगरु निमिष एक माहीं।

            एक विभीषण कर गृह नाहीं

(हनुमान जी ने लंका नगरी को आधे क्षण में जला दिया। एकमात्र विभीषण का घर छोड़कर) यह चौपाई रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड में है. 

#निमिष का अर्थ है एक क्षण का आधा भाग। पलक झपकाने में जितना समय लगता है, उतना ही। यह समय नापने की भारतीय इकाई है। राजा निमि जनकपुरी के पहले राजा थे। इसी वंश में सीता जी का जन्म हुआ था। 


#शब्द #संस्कृति

निमिष सम्बन्धी मूल X पोस्ट

सद्य: आलोकित!

श्री हनुमान चालीसा शृंखला : पहला दोहा

श्री गुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जस, जो दायक फल चारि।।  श्री हनुमान चालीसा शृंखला परिचय- #श्रीहनुमानचालीसा में ...

आपने जब देखा, तब की संख्या.