देख रहा हूं कि आदरणीय सुरेश पंत और ॐ थानवी जी के #पनौती
संबंधी मान्यता को कोशीय अर्थ, प्रत्यय जोड़कर बनाया शब्द
आदि से जोड़कर व्याकरण सम्मत और शास्त्रीय बताने का प्रयास किया जा रहा है!
जबसे युवा नेता राहुल
गांधी ने प्रधानमंत्री के लिए इस शब्द का प्रयोग किया है, तब से
इस शब्द की व्युत्पत्ति और उद्गम स्रोत की खोज हो रही है। यह युवा नेता राहुल
गांधी के वक्तव्य को व्यवहारसम्मत बताने के निमित्त किया जा रहा है। बताया जाता है
कि इसमें औती प्रत्यय है और मूल शब्द पानी से नि:सृत पन है।
चूंकि हस्तक्षेप करने
वाले विद्वान और सम्मानित जन हैं, इसलिए उनकी बात आप्त वचन मानकर
स्वीकार कर ली जा रही है। यहां मैं आपसे थोड़ा रुककर विचार करने के लिए आमंत्रित
करता हूं।
कथा वार्ता विशेष |
पहले शब्द पर विचार कर
लें। यहां औती प्रत्यय बताया जा रहा है। कटौती, चुनौती आदि शब्द प्रमाण के रूप
में रखे जा रहे हैं। #पनौती भी ऐसा ही शब्द है। मूल शब्द
क्या है?
बताया गया है कि पानी
से "पन" बना है। और इससे बने शब्द हैं पनबिजली, पनचक्की
आदि। एक पत्रकार (?) ने पन को अवस्था बताया है और शब्द बताया
है बचपन। पनौती का लाक्षणिक अर्थ कठिनाई बता दिया है।
अब कोई पूछे कि बचपन
में पन मूल शब्द है अथवा प्रत्यय ही? प्रत्यय से प्रत्यय जोड़ देंगे?
अब बचता है पनबिजली, पनचक्की
का पन। यह उचित है और सम्मत भी। तो पनौती में पानी का पन और औती प्रत्यय ही ठीक
माना जाना चाहिए। हिंदी में प्रत्यय की विशेषता है कि यह शब्द के अंत में जुड़कर
उसके अर्थ को विशिष्ट बना देता है। उपसर्ग में अर्थ बदल देने की शक्ति है।
यह देखिए और तनिक विचार
कीजिए कि पनबिजली और पनचक्की में मूल शब्द पन नहीं है। क्रमश: बिजली और चक्की है।
अतएव, पनौती शब्द के व्युत्पत्तिपरक यह सब व्याख्याएं उचित और व्याकरण सम्मत
नहीं हैं। ऐसी कोई आवश्यकता भी नहीं है कि इस शब्द का उद्गम तत्सम में जाकर खोजा
जाए। यह लोक से विच्छिन्नता का परिचायक है।
यह सच है कि पनौती शब्द
अपशकुन और अंधविश्वास का वाहक है लेकिन इसकी व्युतपत्ति और कोशीय अर्थ पर वक्तव्य
देना ठीक नहीं प्रतीत होता। यह शब्द अवध परिक्षेत्र के जनमानस का है। लोग काम
बिगड़ने की स्थिति में किसी अनपेक्षित को पनौती कहते हैं। हम दूसरे पर आश्रित हैं।
जब मैं प्रयागराज में अध्ययनरत था तो वहां छात्रावासी जीवन में यह शब्द खूब प्रचलन में था और सहपाठियों को चिढ़ाने के लिए पनौती कहा जाता था। यह शब्द शब्दकोश में नहीं है। इसकी व्युतपत्ति की खोज करना रेत का घर बनाना है। हां, राहुल गांधी के औचित्य की मीमांसा की जानी चाहिए।
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