१.
मुल्ला भीख मांगने गया। एक सम्पन्न घर देखकर उसने गुहार लगाई। घर में बहू थी। उसने मुल्ला को भीख देने से इन्कार कर दिया और भगा दिया। मुल्ला निराश होकर अपना मुँह और झोला लटकाए चल पड़ा। कुछ दूर जाकर ही उस घर की मालकिन, सास आते हुए दिखी। उसने पूछा- क्या हुआ मुल्ला?
मुल्ला बोला- तुम्हारी बहू ने भीख भी नहीं दी।
सास ने कहा- अच्छा! उसकी यह मजाल। घर चलो।
मुल्ला लौटा। घर आकर सास ने कुर्सी निकाली। कुछ पल बैठी रही।
फिर दरवाजे पर जाकर मुल्ला से कहा- जाओ, भीख
नहीं मिलेगी? मेरे रहते बहू
कौन होती है मना करने वाली।
२.
मुल्ला एकबार अपने दोस्त के घर गया। दोस्त ने उसे शराब परोसी। मुल्ला ने कहा कि मैं शराब नहीं पीऊँगा।
एक तो मैं मुसलमान हूँ और हमलोगों में शराब हराम है।
दूसरी बात, मैंने अपनी मरती बीवी को वादा किया था कि कभी शराब को हाथ भी नहीं लगाऊंगा।
और तीसरी बात यह कि मैं घर से पीकर आया हूँ।
-कथावार्ता की प्रस्तुति!
(मुल्ला नसीरुद्दीन, mulla nasiruddin, kathavarta, kathavarta1, डॉ रमाकान्त राय, ramakant roy)
1 टिप्पणी:
कोरोना के इस दुःखद क्षण में ऐसी कहानियाँ गुदगुदा जाती हैं।
एक टिप्पणी भेजें