उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के पास दो साल कार्यकाल बीत जाने के बाद लोकसभा चुनाव में जाने के लिए वाकई कुछ उपलब्धियाँ हैं. क्रमवार इस तरह रखी जा सकती हैं-
१- समाजवादी स्वास्थ्य सेवा. यह सेवा १०८ नंबर पर डायल करने पर मुफ्त मिलती है. बीस म...िनट में एम्बुलेंस आपके घर पहुँच जाती है. खाली रहने पर कभी कभी यह सेवा सवारी भी ढोती है.
२- कन्या विद्या धन, लैपटॉप आदि द्वारा बारहवीं पास के विद्यार्थियों को लाभ पहुँचाना. टेबलेट के विषय में अभी संशय है.
३- बेरोजगारी भत्ता. बेरोजगारी भत्ता से ढेर सारे युवक अपना धंधा करते हुए प्रतिमाह एक हजार रुपया पा रहे हैं. यह आर्थिक सशक्तिकरण का बेजोड़ उदाहरण है. समाजवादी पेंशन योजना भी एक नया उपक्रम है.
४- समाजवादी शासन की शुरुआत के बाद सभी सरकारी दफ्तरों पर दूसरी भाषा के रूप में उर्दू को जगह मिली है. सभी थाने, जिला मुख्यालय, राजकीय दफ्तर अपने नाम पट्टिका में उर्दू को जगह दे रहे हैं. निज भाषा उन्नति अहै...
५- उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने बसों को लाल रंग में रंगवाना शुरू किया है. ठीक उस रंग में जैसी समाजवादी टोपी हुआ करती है. याद रहे कि मायावती ने इसे नीले रंग से रंगवाया था और सर्वजन हिताय सेवा नाम दिया था, जिसे सत्ता में आने के तुरंत बाद मिटवा दिया था.
६- सैफई महोत्सव के बहाने देश में सांस्कृतिक जागरण की अलख जगाई जा रही है.
७- समूचे प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो रही हैं. कहीं से भी नक़ल आदि की कोई घटना नहीं सुनाई पड़ रही.
१- समाजवादी स्वास्थ्य सेवा. यह सेवा १०८ नंबर पर डायल करने पर मुफ्त मिलती है. बीस म...िनट में एम्बुलेंस आपके घर पहुँच जाती है. खाली रहने पर कभी कभी यह सेवा सवारी भी ढोती है.
२- कन्या विद्या धन, लैपटॉप आदि द्वारा बारहवीं पास के विद्यार्थियों को लाभ पहुँचाना. टेबलेट के विषय में अभी संशय है.
३- बेरोजगारी भत्ता. बेरोजगारी भत्ता से ढेर सारे युवक अपना धंधा करते हुए प्रतिमाह एक हजार रुपया पा रहे हैं. यह आर्थिक सशक्तिकरण का बेजोड़ उदाहरण है. समाजवादी पेंशन योजना भी एक नया उपक्रम है.
४- समाजवादी शासन की शुरुआत के बाद सभी सरकारी दफ्तरों पर दूसरी भाषा के रूप में उर्दू को जगह मिली है. सभी थाने, जिला मुख्यालय, राजकीय दफ्तर अपने नाम पट्टिका में उर्दू को जगह दे रहे हैं. निज भाषा उन्नति अहै...
५- उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने बसों को लाल रंग में रंगवाना शुरू किया है. ठीक उस रंग में जैसी समाजवादी टोपी हुआ करती है. याद रहे कि मायावती ने इसे नीले रंग से रंगवाया था और सर्वजन हिताय सेवा नाम दिया था, जिसे सत्ता में आने के तुरंत बाद मिटवा दिया था.
६- सैफई महोत्सव के बहाने देश में सांस्कृतिक जागरण की अलख जगाई जा रही है.
७- समूचे प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो रही हैं. कहीं से भी नक़ल आदि की कोई घटना नहीं सुनाई पड़ रही.
८- सरकार ने प्राथमिक शिक्षा में आमूलचूल बदलाव किये हैं. बच्चों को निःशुल्क दी जाने वाली ड्रेस का रंग खाकी कर दिया है. इस तरह से बच्चे स्वतः महसूस कर रहे हैं कि वे होमगार्ड्स जरूर बन जायेंगे.
९- सरकार ने जो सड़कें बनाई हैं, वे ट्रेक्टर के लिए सर्वथा उपयुक्त हैं. किसानों का समुचित ध्यान ऐसे ही रखा जाता है. और
१०- इस सरकार में अधिकारी सीधे रिश्वत नहीं लेते. यह बहुत बड़ी उपलब्धि है.
समाजवाद ऐसे ही आता है..
(जो लोग शासन व्यवस्था को बेपटरी मान रहे हैं, किसी भी भर्ती के न होने के पीछे असफलता मान रहे हैं, साढ़े चार मुख्यमंत्री की बात कर रहे हैं, यह कह रहे हैं कि हर तरफ गुंडाराज है, मुजफ्फरनगर के दंगों समेत कई दंगों की जिम्मेदारी ओढ़ा रहे हैं, वे लोग दरअसल प्रदेश की तरक्की से जलने वाले लोग हैं. जय समाजवाद.)
1 टिप्पणी:
रमाकांत भाई मैं आपसे पूर्णतः सहमत हूँ | निश्चित रूप से आज हम उत्तर प्रदेश निवासी गर्व से फूले नहीं समा रहे हैं | आज हमारे प्रदेश में समाजवादी क्रान्ति के कारण जनता सामजिक,शैक्षिक,आर्थिक ,सांस्कृतिक अर्थात सभी क्षेत्रों में विकास के नित नवीन सोपान प्राप्त कर रही है | भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी की घटनाएं बीते कुछ वर्षों से आभूतपूर्व रूप[ से कम दर्ज की गई हैं | आज यदि कोई समाजवादी पार्टी का विरोध करता है तो वह वास्तव में उत्तर प्रदेश का विरोध कर रहा है और यदि कोई उत्तर प्रदेश का विरोध कर रहा है तो वह भारत देश का विरोध कर रहा है | इस तरह ऐसा व्यक्ति निश्चित रूप से देशद्रोही है और दंड का हकदार है | हम गुजरातियों से कम थोड़े ही हैं.....
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