एक प्राथमिक विद्यालय के लिए यह सब व्यवस्था हो -
1. कम से कम 18 कक्ष वाला विद्यालय। 12 कक्ष डेस्क और बेंच से युक्त ताकि हर कक्षा के लिए दो/तीन सेक्शन (वर्ग) बनाया जा सके।इसमें एक कक्ष प्रधानाध्यापक का, एक अध्यापकों का। एक स्टोर रूम। एक क्रीड़ा कक्ष। एक कंप्यूटर कक्ष और एक कार्यालय।
2. प्रधानाध्यापक को मिलाकर 15 अध्यापक। भाषा- 4, गणित- 3, विज्ञान- 3 और सामाजिकी - 2 कला 1, खेल 1 के लिए अलग अलग अध्यापक।
3. एक कार्यालय अधीक्षक, एक चपरासी, एक सफाई कर्मी, तीन रसोइया।
4. खेल/असेंबली के लिए एक बीघा जमीन।
5. चार शौचालय। अध्यापकों के लिए पृथक शौचालय।
6. पेय जल की समुचित व्यवस्था।
7. अबाध बिजली व्यवस्था।
8. दो सुरक्षाकर्मी जो गेट पर रहें।
9. समय पर गणवेश, पुस्तकें, स्टेशनरी आदि की आपूर्ति और
10. विद्यालय तक पहुंच का पक्का संपर्क मार्ग।
यह सुविधा संसाधन एक प्राथमिक विद्यालय को दीजिए। साथ ही प्रधान और शासन का अनावश्यक हस्तक्षेप बंद करें। फिर देखिए, गांव गांव में शिक्षा की कैसी ज्योति जलती है और कैसे बालक निखरते हैं। कौन नहीं चाहेगा परिषदीय विद्यालय में पढ़ाना। प्रवेश और मासिक फीस लगा दीजिए और बाद में उसकी प्रतिपूर्ति कर दीजिए।
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