हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे। कांधे मूंज जनेऊ साजे।। पांचवीं चौपाई श्री हनुमान चालीसा की पांचवीं चौपाई में हनुमान जी के स्वरूप को बनाने व...