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सोमवार, 12 फ़रवरी 2024

कर्मनाशा : मानस शब्द संस्कृति

 

कर्मनाशा : मानस शब्द संस्कृति

करमनास जलु सुरसरि परई।
तेहि को कहहु सीस नहिं धरई।।

उत्तर प्रदेश और बिहार की विभाजक, एक शापित नदी जिसे त्रिशंकु के लार से निकला हुआ बताया जाता है, #कर्मनाशा नाम से विख्यात है। गंगा की इस सहायक नदी में भयानक बाढ़ आती है। इस नदी का स्पर्श, स्नान वर्जित है।

#श्रीरामचरितमानस के अयोध्याकांड में कहा गया है कि #कर्मनाशा का जल गंगा में मिलने पर पवित्र हो जाता है। राम का नाम गंगा की तरह ही है। यह नाम उल्टा जपकर बाल्मिकी जी ब्रह्म के समान हो गए।
#संस्कृति

शिव प्रसाद सिंह रचित कहानी "कर्मनाशा की हार" हिंदी की चर्चित कहानियों में है।
#मानस_शब्द #संस्कृति

सद्य: आलोकित!

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